सड़क हादसों से लाल हो रही सड़कें

Road accidents become rampant 2July2018
हैदराबाद, 1 जुलाई (मनिष सिंह)
यातायात नियमों को लेकर सम्बंधित पुलिस के सक्रिय रहने तथा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के बावजूद हैदराबाद, साइबराबाद व राचकोंडा सहित राष्ट्रीय राजमार्ग तथा अाउटर रिंग रोड पर सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

पिछले माह 26 तारीख को राजीव राहदारी, प्रज्ञापुर के पास लॉरी चालक ने लापरवाही से लॉरी चलाते हुए पहले एक अारटीसी बस को टक्कर मारी, बाद में असंतुलित होकर रोड डिवाइडर पार कर सामने से अार ही क्वालिस से टकरा गयी। हादसे में 12 लोगों की मौत हो गयी तथा 20 लोग घायल हो गये। यह दर्दनाक हादसा चालक की लापरवाही के कारण हुअा। तेज रफ्तार, लापरवाही तथा शराब के नशे में वाहन चलाकर लोग हादसों को खुद दावत दे रहे हैं। अाउटर रिंग रोड के अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिस बड़े पैमाने पर स्पीड लेजर गन से वाहनों की रफ्तार पर नजर रख रही है, वहीं ब्रीथिंग एनलाइजर के जरिए नशेड़ी चालकों की नकेल कसी जा रही है, इसके बावजूद हादसे हो रहे हैं। इस प्रकार के सड़क हादसों के मामलों में लापरवाही किसी और की होती है और खामियाजा किसी और को भुगतनना पड़ रहा है।

लाइसेंस के बिना ही ड्राइवर की नौकरी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ युवा कार चालकों की माँग अधिक होने के कारण लाइसेंस के बिना ही कार चालक के रूप में नौकरी कर रहे हैं। प्रोफेशनल चालक का अनुभव न होने के बावजूद भी कुछ लोग प्रोफेशनल चालक के रूप में नौकरी करते हुए अनुभवहीनता के कारण हादसों को अंजाम दे रहे हैं। कुछ मामलों में अारटीए के दलालों की मदद से गलत रास्ते से भी लोग भारी वाहन चलाने का लाइसेंस प्राप्त कर रहे हैं। इस प्रकार से लाइसेंस हासिल करने वाले अनुभवहीन वाहन चालकों की लापरवाही के कारण मासूम लोगों की जान जा रही है। हालांकि, यातायात पुलिस नशे में वाहन चलाने वाले चालकों को अदालत में पेशकर अदालती अादेश के चलते उनका लाइसेंस रद्द कर रही है और उन्हें जेल भी भेज रही है। कुछ मामलों में नशे में वाहन चलाते हुए सड़क हादसों को अंजाम देने वाले चालकों के खिलाफ अाईपीसी की धारा 304 (2) के तहत भी मामले दर्ज किये जा रहे हैं।

कुछ हादसों की जाँच पड़ताल से पता चला है कि भारी वाहन चलाने वाले 30 प्रतिशत चालकों की उम्र के चलते अाँखों में खराब है, जिस कारण वे दूरदृष्टि लोप का शिकार हो रहे हैं। कुछ मामलों में खस्ता हाल सड़कें भी हादसों का कारण बनकर उभर रही हैं।

अधिकतर दुर्घटनाअों का कारण लापरवाही
हाल ही में नगर के सीमांत क्षेत्रों, राष्ट्रीय राजमार्गों तथा अाउटर रिंग रोड पर हुए हादसों पर नजर डाली जाए, तो इन घटनाअों में वाहन चालक ही कारण बनकर उभर रहे हैं। गत रविवार को यादाद्रि जिले के वलीगोंडा मंडल के वेमुलकोंडा ग्राम में चालक की लापरवाही के कारण गतिमान ट्रैक्टर सड़क किनारे तालाब में गिर गया, जिससे तीन वर्षीय बालिका और 14 महिलाअों समेत 15 लोगों की मौत हुई। सभी महिलाएँ मजदूरी के लिए ट्रैक्टर में सवार होकर जा रही थीं। ट्रैक्टर चालक के पास लाइसेंस तो था, लेकिन ट्रैक्टर चलाने का अनुभव नहीं था। वह ट्रैक्टर चलाते हुए बीड़ी सुलगाने का प्रयास कर रहा था, तभी ट्रैक्टर पर से उसका नियंत्रण हट गया, जिस कारण असंतुलित तेज रफ्तार ट्रैक्टर सड़क से उतर कर तालाब में जा गिरा। घटना के दूसरे दिन ही राचकोंडा अायुक्तालय की परिधि के अंतर्गत रंगारेड्डी जिले के मंचाल के पास कार और अॉटो की भिड़ंत में पाँच लोग मारे गये। इसी जिले के गोपी गड्डा ग्राम में स्कूल बस की चपेट में अाने से दो वर्षीय बालिका की मौत हो गयी। 

अांकड़ों पर एक नजर
सड़क हादसों पर नजर डाली जाए, तो साइबराबाद में वर्ष 2016 के दौरान 824 हादसों में 873 लोगों की मौत हो गयी। इसी प्रकार, वर्ष 2017 के दौरान 685 हादसों में 738 लोग मारे गये तथा इस वर्ष (मई माह तक) 267 हादसे हुए, जिनमें 287 लोगों की मौत हो गयी। साथ ही 1,540 लोग घायल हो गये।

इसी प्रकार, राचकोंडा में वर्ष 2016 के दौरान 714 सड़क हादसों में 752 मारे गये तथा 2,974 लोग घायल हुए। वर्ष 2017 के दौरान 587 हादसों में 619 लोगों की मौत हो गयी तथा 2,692 लोग घायल हुए। इस वर्ष मई माह तक 282 हादसों में 311 लोग मारे गये, जबकि 1,298 लोग घायल हुए। राचकोंडा की परिधि में अाने वाली अाउटर रिंग रोड पर वर्ष 2016 के दौरान 37 हादसे हुए, जिनमें 15 लोगों की जान चली गयी और 42 घायल हुए, वहीं साइबराबाद की परिधि में 37 हादसों में 42 मौतें हुईं। वर्ष 2107 के दौरान राचकोंडा की परिधि में 24 हादसों में 20 लोगों की मौत हुई तथा 31 लोग घायल हुए। साइबराबाद की परिधि में 28 हादसों में 31 मौतें हुईं। वर्ष 2018 के दौरान मई माह तक राचकोंडा की परिधि में 18 हादसों में 10 लोगों की मौत हुई और 22 घायल हुए। इसी प्रकार, साइबराबाद की परिधि में 31 हादसों में 11 लोगों की मौत हुई तथा 22 लोग घायल हुए।
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