गोल्ड कोस्ट, 15 अप्रैल : साइना नेहवाल ने अपने आ¯ाामक खेल के सामने पी.वी. सिंधू की सारी कोशिशों को नाकाम करके आज यहाँ राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल का स्वर्ण पदक जीता।
आज के मैच से पहले सिंधू पर 3-1 का रिकार्ड रखने वाली साइना ने फिर से अपनी हमवतन प्रतिद्वंद्वी पर अपना दबदबा साबित किया तथा एक घंटे तक चले मैच में 21-18, 23-21 से जीत दर्ज की। इस जीत से साइना का वर्तमान राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार अभियान का भी अंत हुआ। उन्होंने भारत को इससे पहले टीम चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी। सिंधू की चोट के कारण उन्हें टीम स्पर्धा में प्रत्येक एकल मैच खेलना पड़ा था।
मैच में दोनोें खिलाड़ियों ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन धीरे धीरे साइना ने दबदबा बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने कोर्ट पर आ¯ाामकता दिखायी। सिंधू के कुछ करारे स्मैश का हालाँकि उनके पास जवाब नहीं था। दूसरी तरफ सिंधू को उनके साइना के सधे हुए शॉट से जूझना पड़ा। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने पहले गेम में 9-4 की बढ़त बनायी। इसके बाद भी उन्होंने अंतर बनाये रखा और नेट के साथ साथ बेसलाइन पर भी अपनी पकड़ बना दी। दोनोें खिलाड़ियों की अलग-अलग शैली के कारण मैच रोमांचक बन गया था।
सिंधू अपने शॉट पर ताकत तो लगा रही थी, लेकिन उन पर उसका नियंत्रण नहीं था। उन्होंने शटल बाहर मारकर कम से कम चार अंक गंवाये और वह ब्रेक तक 6-11 से पीछे चल रही थी।
ब्रेक के बाद सिंधू ने अच्छी वापसी की लेकिन उनका स्ट्रोकप्ले साइना की तरह सधा हुआ नहीं था। साइना ने इसके अलावा प्रभावी तरीके से कोर्ट को भी संभाला। साइना जब 20-14 से आगे थी तब सिंधू ने अपना नैसर्गिक खेल दिखाया और वह 18-20 से अंतर कम करने में सफल रही। साइना ने हालाँकि 23 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया।
दूसरे गेम में सिंधू ने अपने स्मैश में सुधार किया और कोर्ट पर कवरेज भी उनकी बेहतर थी, जिससे वह 9-7 से आगे हो गयी, जिसे ब्रेक तक उन्होंने 13-8 कर दिया। स्टेडियम खचाखच भरा था और दर्शकों को दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला।
सिंधू एक समय 19-16 से आगे थे, लेकिन 64 स्ट्रोक की रैली से यह 18-19 हो गया। साइना ने इसके बाद स्कोर 19-19 से बराबर किया, लेकिन सिंधू फिर से 20-19 से बढ़त बनाने में सफल रही। उनके पास पहली बार गेम प्वाइंट था। उन्होंने हालाँकि शॉट बाहर मार दिया, जिससे साइना ने स्कोर बराबर कर दिया।
इसके बाद जब सिंधू का रिटर्न बाहर गया, तो साइना के पास चैम्पियनशिप प्वाइंट था, लेकिन कोई भी खिलाड़ी हार मानने को तैयार नहीं थी और स्कोर फिर से 21-21 से बराबर हो गया, लेकिन साइना के ¯ाास कोर्ट स्मैश का सिंधू के पास जवाब नहीं था। इसके बाद स्वर्ण पदक के लिये सर्विस करते हुए साइना ने सिंधू को शॉट बाहर मारने के लिये मजबूर किया और फिर जीत का जश्न मनाने लगी।