राजा सिंह को लगा झटका- एडवाइजरी बोर्ड का पीडी ऐक्ट हटाने से इनकार

Shock to Raja Singh - Advisory Board refuses to remove PD Act

हैदराबाद,  गोशामहल के विधायक टी. राजा सिंह को आज उस समय झटका लगा, जब उनके खिलाफ मंगलहाट पुलिस द्वारा गत 25 अगस्त को दर्ज पीडी एक्ट के मामले पर सुनवाई के लिए गठित एडवाइजरी बोर्ड ने पीडी ऐक्ट हटाने से साफ इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि स्टैण्डअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के कॉमेडी शो को लेकर सोशल मीडिया पर राजा सिंह द्वारा जारी वीडियो के प्रति आपत्ति जताते हुए मंगलहाट पुलिस ने 25 अगस्त को उनके खिलाफ पीडी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर चेर्लापल्ली जेल भेज दिया था। राजा सिंह के खिलाफ दर्ज पीडी एक्ट मामले पर एडवाइजरी बोर्ड ने गत 29 सितंबर को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान बोर्ड ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चेर्लापल्ली जेल में बंद राजा सिंह का बयान लेने के अलावा पुलिस की दलील भी सुनी। इस दौरान राजा सिंह की पत्नी टी. ऊषा बाई ने बोर्ड से राजा सिंह के खिलाफ दर्ज पीडी एक्ट का मामला खारिज करने का आग्रह करते हुए आवेदन किया था। तीनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बोर्ड ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सामान्य प्रशासनिक विभाग (विशेष कानून व्यवस्था) के सचिव वी. शेषाद्री ने ऊषा बाई को मेमो भेजकर बोर्ड के फैसले का खुलासा किया।

मेमो में बताया गया कि बोर्ड ने पुलिस की दलील सुनने के बाद राजा सिंह के खिलाफ पीडी एक्ट के तहत दर्ज मामले को रद्द करने से मना कर दिया है, क्योंकि मामला रद्द करने का कोई ठोस आधार व कारण नजर नहीं आ रहा है। पुलिस की ओर से बताया गया कि राजा सिंह के खिलाफ 101

आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 18 मामले साम्प्रदायिकता से जुड़े हुए हैं। इस कारण पुलिस ने बोर्ड से राजा सिंह के खिलाफ पीडी एक्ट के तहत दर्ज मामले को खारिज न करने का आग्रह किया। बोर्ड ने भी पुलिस का समर्थन करते हुए राजा सिंह के खिलाफ पीडी एक्ट के तहत दर्ज मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया। ज्ञातव्य है कि इस मामले को लेकर ऊषा बाई ने उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की है और इसकी सुनवाई जारी है। 
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