नीति-नियमों को सरल करने की वकालत की केसीअार ने

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विकासशीलों को मिले प्रोत्साहन
केसीअार ने नवगठित तेलंगाना में किसान समुदाय के हितों को ध्यान में रख कर कृषि क्षेत्र के विकास के लिए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में भी कृषि और इस पर अाधारित डेयरी, मुगाa पालन, पशु पालन, मछली पालन अादि को भी सामांतर रूप से विकसित करना चाहिए। उन्होंने इन तमाम क्षेत्रों को अायकर से छूट देने की माँग भी की। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार योजना को कृषि क्षेत्र से जोड़ने की माँग करते हुए कहा कि इससे किसानों की अाय को दुगुना किया सकेगा।
हैदराबाद, 17 जून
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि देश का विकास राज्यों के विकास पर ही निर्भर है और इस बात को ध्यान में रख कर वेंद्र सरकार को विकासशील राज्यों को अनिवार्य रूप से सहयोग देना चाहिए। उन्होंने अागे कहा कि तेजी से विकास करने वाले राज्यों को अगर वेंद्र सरकार अतिरित्त निधियाँ अावंटित नहीं कर पाती है, तो कम-से-कम कर छूट जैसे कदमों से इन राज्यों को प्रोत्सहित करना होगा।
केसीअार ने नई दिल्ली में अाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न नीति अायोग की चौथी बैठक में भाग लिया। इस बैठक को संबोधित करते हुए केसीअार ने उत्त बातें कहीं। सीएमओ द्वारा यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मीडिया को उत्त जानकारी दी गयी। केसीअार ने अागे कहा कि वर्तमान में देश कई कठिन परिस्थितियों तथा चुनौतियों का सामना कर रहा है। विशेषकर विदेशी मामले, रक्षा मामले, अर्थ व्यवस्था अादि कई समस्याअों से निपटना पड़ रहा है। एक ओर इन मामलों के प्रति ध्यान देते हुए दूसरी ओर स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी विकास, कृषि व ग्रामीण विकास अादि क्षेत्रों में राज्यों को काम करने के लिए अधिक मौके देना चाहिए। साथ ही वेंद्र सरकारी योजनाअों की अमलावरी से संबंधित नियमों को सरल करना अनिवार्य है, ताकि राज्यों में किसी प्रकार की अड़चनें पैदा न हों।
केसीअार ने रैतु बंधु व किसान बीमा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि नवगठित तेलंगाना में कृषि क्षेत्र से संबंधित समस्याअों का स्थाई समाधान निकालने के प्रयासों के अंतर्गत इन योजनाअों को लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि रैतु बंधु योजना के तहत प्रति वर्ष एक एकड़ की दो फसलों के लिए कुल 8 हज़ार रूपये दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 98 प्रतिशत छोटे व मध्यम श्रेणी के किसान हैं। किसान परिवारों को भरोसा देने के लिए किसान बीमा योजना भी लागू की गयी है। भारतीय जीवन बीमा निगम के सौजन्य से लागू की गयी इस योजना के तहत किसी भी कारण से किसान की मौत होने पर उसके परिवार को 5 लाख रूपये मिल जाएँगे। अागामी 15 अगस्त से किसानों को इससे संबंधित प्रमाण पत्र दिये जाएँगे। इस योजना से संबंधित शतप्रतिशत प्रीमियम को सरकार ही वहन करेगी। इस योजना से प्रति वर्ष सरकार पर 1,000 करोड़ रूपये का अार्थिक बोझ पड़ेगा। इस योजना से लगभग 50 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि किसानों को भूमि से संबंधित विवादों से बचाने के लिए भू-रिकार्डों की छँटाई प्रक्रिया भी सफल रूप से पूरा की  गयी है। मुख्यमंत्री ने अागे बताया कि कृषि क्षेत्र का स्थाई विकास करने में सिंचाई की महत्वपूर्ण भूमिका है और इस बात को ध्यान में रख कर उनकी सरकार गोदावरी व कृष्णा नदियों पर सिंचाई परियोजनाअों का निर्माण कर रही है। अवसर पर उन्होंने कालेश्वरम, पालमूरू-रंगारेड्डा परियोजनाअों का जिक्र करते हुए बताया कि इन दो परियोजनाअों से राज्य के 24 जिलों में 26 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई जल मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर बीज, उर्वरक अादि की अापूर्ति करने के अलावा खाद्य उत्पादों के भंडारण के लिए पिछले चार वर्षों के दौरान राज्य में बड़े पैमाने पर नये गोदामों का निर्माण किया गया।
केसीअार ने नीति अायोग की बैठक के सफल होने की कामना करते हुए कहा कि पिछले बैठकों के दौरान लिये गये निर्णयों के अंतर्गत वेंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी कई कदम उठाये थे। देश के समग्र विकास के लिए राज्यों को एक-दूसरे की सफलताअों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
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