हैदराबाद, 1 जुलाई-(मिलाप ब्यूरो)
पी.जी. रोड, सिकंदराबाद स्थित श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर में मासिक सत्संग का अायोजन श्रीकृष्ण प्रणामी सेवा संघ के तत्वावधान में मंदिर प्रागण में किया गया। अाज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति में संघ के अशोक अार. डाणी ने बताया कि प्रार्थना, सेवा, पूजा व भजन कीर्तन के पश्चात ज्ञान चर्चा हुई, जिसमें मानद मंत्री सत्यनारायण अग्रवाल ने कहा कि मानव जीवन महान और कीमती है। मनुष्य ज्ञान प्राप्त कर सकता है, सद्गुरू से प्राप्त मंत्रों द्वारा जीवन-मरण सुधार सकता है, लेकिन ज्ञान को जीवन में उतारना अावश्यक है।
सत्यनारायण अग्रवाल ने अागे कहा कि परमात्मा का अादेश ही सभी जीवों पर काम कर रहा है। परमात्मा के सिवाय हमारा कोई सच्चा सहारा नहीं है। संसार के सारे रिश्ते स्वार्थ के हैं। जितनी जल्दी हो, हमें अात्म कल्याण कर लेना चाहिये, क्योंकि जीवन क्षणभंगुर है, पानी के बुलबुले जैसा है। उन्होंने अागे कहा कि मोह, निद्रा, अज्ञान, भ्रम अादि असत्य है। मनुष्य नींद में सपना देखता है, लेकिन संसार ही सबसे बड़ा सपना है। मनुष्य को स्वयं की पहचान करनी होगी कि उसका असली घर कहाँ है। सद्गुरू मनुष्य को अंतरदृष्टि के जागृत ज्ञान द्वारा संसार देखने को कहते हैं। परमात्मा ही हर परिस्थिति में सच्चा सहारा हैं।
अवसर पर सांवरमल धनानिया व अन्य ने मनमोहक भजन सुनाए। सत्संग का अायोजन लता-राजेंद्र मुन्ढालिया परिवार के सौजन्य से किया गया। सामूहिक अारती व प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुअा। श्रीकृष्ण प्रणामी सेवा संघ के अध्यक्ष रामफल अग्रवाल ने सभी का अाभार व्यक्त किया। अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।
पी.जी. रोड, सिकंदराबाद स्थित श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर में मासिक सत्संग का अायोजन श्रीकृष्ण प्रणामी सेवा संघ के तत्वावधान में मंदिर प्रागण में किया गया। अाज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति में संघ के अशोक अार. डाणी ने बताया कि प्रार्थना, सेवा, पूजा व भजन कीर्तन के पश्चात ज्ञान चर्चा हुई, जिसमें मानद मंत्री सत्यनारायण अग्रवाल ने कहा कि मानव जीवन महान और कीमती है। मनुष्य ज्ञान प्राप्त कर सकता है, सद्गुरू से प्राप्त मंत्रों द्वारा जीवन-मरण सुधार सकता है, लेकिन ज्ञान को जीवन में उतारना अावश्यक है।
सत्यनारायण अग्रवाल ने अागे कहा कि परमात्मा का अादेश ही सभी जीवों पर काम कर रहा है। परमात्मा के सिवाय हमारा कोई सच्चा सहारा नहीं है। संसार के सारे रिश्ते स्वार्थ के हैं। जितनी जल्दी हो, हमें अात्म कल्याण कर लेना चाहिये, क्योंकि जीवन क्षणभंगुर है, पानी के बुलबुले जैसा है। उन्होंने अागे कहा कि मोह, निद्रा, अज्ञान, भ्रम अादि असत्य है। मनुष्य नींद में सपना देखता है, लेकिन संसार ही सबसे बड़ा सपना है। मनुष्य को स्वयं की पहचान करनी होगी कि उसका असली घर कहाँ है। सद्गुरू मनुष्य को अंतरदृष्टि के जागृत ज्ञान द्वारा संसार देखने को कहते हैं। परमात्मा ही हर परिस्थिति में सच्चा सहारा हैं।
अवसर पर सांवरमल धनानिया व अन्य ने मनमोहक भजन सुनाए। सत्संग का अायोजन लता-राजेंद्र मुन्ढालिया परिवार के सौजन्य से किया गया। सामूहिक अारती व प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुअा। श्रीकृष्ण प्रणामी सेवा संघ के अध्यक्ष रामफल अग्रवाल ने सभी का अाभार व्यक्त किया। अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।