हैदराबाद, 4 जुलाई-(मिलाप ब्यूरो)
पान बाजार स्थित जैन भवन में अाज सुबह धर्म प्रेमियों को संबोधित करते हुए नेपाल गौरव विशालमुनिजी म.सा. ने कहा कि मनुष्य अपेक्षाएँ करता है और उनके पूरे होने की प्रतीक्षा में समय गंवाता है। इसके विपरीत अमर अात्म उन्नति के लिए श्रावक जीवन को अपनाते हैं और विषय-वासनाअों से दूरी बनाते हैं। इसके कारण उन्हें मोक्ष मार्ग प्राप्त होता है।
म.सा. ने अागे कहा कि अाराधना, साधना, तप से जीवन सफल होता है। गुरूदेव ने 16वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ के स्तवन माध्यम से बताया कि प्रभु की अराधना से दुःख और संकट से छुटकारा मिलता है। वैभवमुनिजी म.सा. ने अपने प्रचवन में परमात्मा महावीर की अंतिम देशना पर प्रकाश डाला। श्री राजस्थानी जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के महामंत्री सुभाष गोलेच्छा ने धर्मसभा का संचालन किया। श्रीकृष्णानगर संघ के विमल जैन ने गुरूभक्ति पर गीतिका प्रस्तुत की। मदनचंद जैन ने अगस्त माह में अायोजित होने वाले अानंद ऋषि साहित्य पुरस्कार समारोह के बारे में जानकारी दी। चातुर्मास संयोजक माणिकचंद समदरिया ने पूज्यश्री को संघ की गतिविधियों से अवगत कराया।
अवसर पर संघ के प्रकाशचंद लूणिया, अशोक लुणावत, महावीर भूरट, शिवराज सोनी, मोतीलाल बोथरा, धर्मेंद्र समदरिया, संतोष बैद, देवेंद्र कटारिया, सुनील पारेख, डायचंद डंक, नरपतचंद कांनूगो, माणकचंद अांचलिया, प्रेम मरलेचा, सज्जनराज भंडारी, राकेश सोनी, धर्मचंद सोनी, दिलीप अलिजार, पारसमल बाफणा, गोतमचंद अादि उपस्थित थे। अल्पाहार की व्यवस्था अनराज शिवराज सोनी की तरफ से की गयी।
पान बाजार स्थित जैन भवन में अाज सुबह धर्म प्रेमियों को संबोधित करते हुए नेपाल गौरव विशालमुनिजी म.सा. ने कहा कि मनुष्य अपेक्षाएँ करता है और उनके पूरे होने की प्रतीक्षा में समय गंवाता है। इसके विपरीत अमर अात्म उन्नति के लिए श्रावक जीवन को अपनाते हैं और विषय-वासनाअों से दूरी बनाते हैं। इसके कारण उन्हें मोक्ष मार्ग प्राप्त होता है।
म.सा. ने अागे कहा कि अाराधना, साधना, तप से जीवन सफल होता है। गुरूदेव ने 16वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ के स्तवन माध्यम से बताया कि प्रभु की अराधना से दुःख और संकट से छुटकारा मिलता है। वैभवमुनिजी म.सा. ने अपने प्रचवन में परमात्मा महावीर की अंतिम देशना पर प्रकाश डाला। श्री राजस्थानी जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के महामंत्री सुभाष गोलेच्छा ने धर्मसभा का संचालन किया। श्रीकृष्णानगर संघ के विमल जैन ने गुरूभक्ति पर गीतिका प्रस्तुत की। मदनचंद जैन ने अगस्त माह में अायोजित होने वाले अानंद ऋषि साहित्य पुरस्कार समारोह के बारे में जानकारी दी। चातुर्मास संयोजक माणिकचंद समदरिया ने पूज्यश्री को संघ की गतिविधियों से अवगत कराया।
अवसर पर संघ के प्रकाशचंद लूणिया, अशोक लुणावत, महावीर भूरट, शिवराज सोनी, मोतीलाल बोथरा, धर्मेंद्र समदरिया, संतोष बैद, देवेंद्र कटारिया, सुनील पारेख, डायचंद डंक, नरपतचंद कांनूगो, माणकचंद अांचलिया, प्रेम मरलेचा, सज्जनराज भंडारी, राकेश सोनी, धर्मचंद सोनी, दिलीप अलिजार, पारसमल बाफणा, गोतमचंद अादि उपस्थित थे। अल्पाहार की व्यवस्था अनराज शिवराज सोनी की तरफ से की गयी।